
उत्तराखंड में जारी चारधाम यात्रा इस वर्ष एक नया कीर्तिमान स्थापित कर रही है। यात्रा के लिए अब तक 28 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है, जिनमें 150 से अधिक देशों से आए 31,581 विदेशी श्रद्धालु भी शामिल हैं। अमेरिका, नेपाल, मलेशिया, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा से सबसे अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया है। इससे साफ है कि चारधाम यात्रा की लोकप्रियता अब केवल भारत तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह एक वैश्विक धार्मिक और सांस्कृतिक आकर्षण बन चुकी है।
केदारनाथ धाम में मौसम की मार के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हो रहा है। गुरुवार को दिनभर रुक-रुककर बारिश होती रही, जिससे ठंड में भी इजाफा हुआ, लेकिन इसके बावजूद हजारों यात्री बाबा केदार के दर्शन के लिए पैदल मार्ग से धाम की ओर बढ़ते रहे।
सुबह के समय केदारनाथ में मौसम साफ था और धूप भी निकली, लेकिन दोपहर होते-होते बादल छा गए और करीब सवा एक बजे से बारिश शुरू हो गई। शाम सात बजे तक यह सिलसिला जारी रहा, जिसमें कभी हल्की तो कभी तेज बारिश हुई। बावजूद इसके, श्रद्धालु भीगते हुए भी पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ यात्रा जारी रखे हुए हैं।
गौरीकुंड से केदारनाथ तक का पैदल मार्ग भक्तों की आस्था का जीवंत उदाहरण बन गया है। इस मार्ग पर भारी संख्या में श्रद्धालु बारिश में भीगते हुए बाबा केदार के दर्शनों के लिए बढ़ते रहे।
धाम में पुनर्निर्माण कार्य से जुड़े वुड कंस्ट्रक्शन टीम के प्रभारी सेवानिवृत्त कैप्टन सोबन सिंह बिष्ट के अनुसार, गुरुवार सुबह धाम का तापमान माइनस 1 डिग्री सेल्सियस और शाम को तीन डिग्री सेल्सियस रहा। इसके बावजूद यात्रियों की श्रद्धा और जज्बा मौसम पर भारी पड़ा।
उधर, बदरीनाथ धाम में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। धाम परिसर श्रद्धा, भक्ति और उत्साह से सराबोर नजर आया। चारधाम यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन विकास का भी महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है। इस बार बड़ी संख्या में विदेशी श्रद्धालुओं की भागीदारी इसका प्रमाण है कि विश्व के कोने-कोने से लोग हिमालय की गोद में स्थित इन दिव्य धामों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।