
उत्तराखंड के लोकप्रिय धार्मिक स्थल बाबा नीम करौली महाराज के कैंची धाम जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। अब कैंची धाम की ओर जाने वाले मार्ग पर लगने वाले लंबे जाम से जल्द ही निजात मिल सकती है। दरअसल, कैंची बाईपास के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने वन भूमि हस्तांतरण प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। यह फैसला मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लगातार प्रयासों का ही परिणाम है, जो बीते कई महीनों से इस परियोजना को लेकर केंद्र सरकार से संवाद कर रहे थे।
कैंची धाम हर साल लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है, लेकिन यहां तक पहुंचने का रास्ता अत्यंत व्यस्त और संकरा है, जिस कारण खासकर पर्यटन सीजन में भीषण ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है। ऐसे में बाईपास का निर्माण न केवल कैंची धाम तक पहुंच को सरल बनाएगा, बल्कि भवाली, गरमपानी और आसपास के क्षेत्रों में भी यातायात व्यवस्था को काफी हद तक राहत देगा। बाईपास परियोजना दो चरणों में पूरी की जानी है। पहले चरण के तहत आठ किलोमीटर लंबी सड़क का चौड़ीकरण और डामरीकरण किया जा रहा है, जिसके लिए राज्य सरकार की ओर से ₹12.14 करोड़ की धनराशि जारी की जा चुकी है। इस हिस्से का काम पहले ही प्रारंभ हो चुका है।
वहीं, दूसरे चरण के तहत शेष 11 किलोमीटर मार्ग निर्माण में वन भूमि के उपयोग की आवश्यकता थी, जो इस मंजूरी के बाद अब संभव हो सकेगा। परियोजना में शिप्रा नदी पर एक सेतु निर्माण भी प्रस्तावित है, जिससे यह बाईपास न केवल पर्यावरण के लिहाज़ से अनुकूल होगा बल्कि स्थानीय विकास में भी एक मील का पत्थर साबित होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस परियोजना को धार्मिक पर्यटन से जुड़ा एक अहम इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट बताया है। उनका मानना है कि इससे श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान बेहतर सुविधा मिलेगी और प्रदेश के पर्यटन में नई गति आएगी। उल्लेखनीय है कि बीते कुछ वर्षों में कैंची धाम की ख्याति देश-विदेश में बढ़ी है और टेक जगत से लेकर आध्यात्मिक जगत तक कई नामचीन हस्तियां यहां दर्शन के लिए पहुंचती रही हैं।
सरकार की योजना सिर्फ बाईपास निर्माण तक सीमित नहीं है। कैंची धाम में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए एक बहुमंजिला पार्किंग भवन और उसके ऊपर रूफटॉप हेलीपैड बनाए जाने की भी योजना है। यह हेलीपैड उत्तराखंड राज्य का पहला ऐसा हेलीपैड होगा जो किसी भवन की छत पर बनाया जाएगा। इसके अलावा, श्रद्धालुओं की यात्रा को और आसान बनाने के लिए सीधी बस सेवा और शटल वाहनों की सुविधा भी शुरू की गई है, जिससे यातायात पर दबाव कम होगा।
इन सभी प्रयासों से यह स्पष्ट है कि धामी सरकार कैंची धाम को एक सुव्यवस्थित और उच्च स्तरीय धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। इस बाईपास के निर्माण से ना केवल श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी, बल्कि स्थानीय व्यापार, रोजगार और पर्यटन को भी एक नई दिशा मिलेगी।