
देशभर में होली 2025 का पर्व रंगों की उमंग और भाईचारे के संदेश के साथ धूमधाम से मनाया गया। शहरों से लेकर गांवों तक सड़कों, गलियों और मोहल्लों में रंग-बिरंगे गुलाल की बौछारें देखने को मिलीं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने एक-दूसरे को रंग लगाकर पर्व की शुभकामनाएं दीं।
इस बार होली का त्योहार 14 मार्च को मनाया गया, जो कि शुक्रवार का दिन था। तीन दिन के लंबे वीकेंड की वजह से लोगों में उत्साह दोगुना रहा। देश के कई हिस्सों में पारंपरिक होलिका दहन के साथ बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया गया। वहीं, अगली सुबह रंगों की होली के साथ लोग ढोल-नगाड़ों की धुन पर जमकर थिरकते नजर आए।
राजधानी दिल्ली, लखनऊ, जयपुर, मुंबई और वाराणसी जैसे शहरों में सार्वजनिक कार्यक्रमों, होली मिलनों और संगीत आयोजनों में भारी भीड़ उमड़ी। प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पुलिस और प्रशासन की टीमों ने जगह-जगह चेकिंग अभियान चलाया, ताकि किसी तरह की अशांति या दुर्घटना से बचा जा सके।
पर्यटन स्थलों पर भी होली के दौरान विशेष भीड़ देखी गई। उत्तराखंड, हिमाचल, गोवा और राजस्थान में होली मनाने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे। मथुरा-वृंदावन की लठमार होली और बरसाने की फूलों की होली ने भी देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं को आकर्षित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी देशवासियों को होली की शुभकामनाएं दीं और इसे आपसी प्रेम, सौहार्द और सांस्कृतिक एकता का पर्व बताया।
होली 2025 ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि रंगों का यह त्योहार सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि भारत की विविधता और एकता का जीवंत प्रतीक है।