
हिंदी को हल्के में लेना हजारों बोर्ड परीक्षार्थियों को भारी पड़ गया। इस वर्ष हाईस्कूल-इंटर में कुल 6431 विद्यार्थी हिंदी विषय में फेल हुए हैं। इसमें हाईस्कूल के 2387 छात्र और 1195 छात्राएं, इंटरमीडिएट के 1924 छात्र और 925 छात्राएं शामिल हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि हिंदी विषय के प्रति छात्र-छात्राओं की रुचि कम हो गई है। विषय को छात्र-छात्राएं गंभीरता से नहीं लेते हैं। हिंदी में 33 प्रतिशत अंक लाना जरूरी है। इस विषय में ग्रेस भी नहीं मिलता है। इस साल हाईस्कूल में हिंदी विषय में 111088 छात्रों ने परीक्षा दी थी जिनमें 107506 छात्र पास हुए जबकि 3582 छात्र फेल हो गए।
इंटरमीडिएट में 103842 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी। इनमें 100943 पास हुए और 2899 परीक्षार्थी फेल हो गए। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में हिंदी विषय में 4311 छात्र और 2120 छात्राएं फेल हुए हैं।
इतना रहा रिजल्ट
हाईस्कूल में हिंदी विषय में 96.77 प्रतिशत, उर्दू में 90.14 प्रतिशत, पंजाबी में 93.50 प्रतिशत, बंगाली में 94.73 प्रतिशत, अंग्रेजी में 95.63 प्रतिशत, संस्कृत में 97.30, गणित में 92.22 प्रतिशत, होम साइंस में 97.82, विज्ञान में 91.03 प्रतिशत, सोशल साइंस में 95.12, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में 98.59, एग्रीकल्चर में 98.46 प्रतिशत रिजल्ट रहा।
इंटरमीडिएट में हिंदी विषय में 97.20 प्रतिशत, हिंदी एग्रीकल्चर में 97.33, अंग्रेजी में 91.22, संस्कृत में 93.86, उर्दू में 94.18, पंजाबी में 97.05, भूगोल में 95.54, अर्थशास्त्र में 93.23, होम साइंस में 97.52, राजनीति शास्त्र में 95.28, मनोविज्ञान में 98.95, समाजशास्त्र में 91.20, शिक्षा शास्त्र में 97.41, गणित में 88.03, भौतिक विज्ञान में 84.91, रसायन विज्ञान में 86.46, बायोलॉजी में 93.19, कंप्यूटर में 96.40, एग्रीकल्चर बॉटनी में 79.29 प्रतिशत परिणाम रहा।