
उत्तराखंड में आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियां तेजी से चल रही है, ताकि चारधाम यात्रा पर देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराए जा सके। इसी क्रम में श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने तमाम महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। जिसमें से पहली है चारधाम यात्रा पर आने वाले 50 साल से ज्यादा उम्र के श्रद्धालुओं की अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य जांच की जाएगी। दूसरी है उत्तराखंड सरकार चारधाम यात्रा मार्ग पर 20 मेडिकल रिलीफ पोस्ट और 31 स्वास्थ्य जांच केंद्र बनाएगी। इन केंद्रों में श्रद्धालुओं को उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में होने वाली स्वास्थ्य संबंधी जो समस्याओं होती है उनकी जांच की जाएगी। और उन्हें उपचार भी दिया जाएगा। कोशिश यह भी की जा रही है कि यात्रा के दौरान हरिद्वार, ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग आदि मुख्य पड़ावों पर ही श्रद्धालुओं की जांच कर ली जाए।
अगर बीते वर्ष की बात की जाए तो, उत्तराखंड चारधाम यात्रा में यात्रियों के बिमार होने की 34 हजार से ज्यादा मामले सामने आए थे। इनमें एक हजार मरीजों को एम्बुलेंस और 90 मरीजों को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू करना पड़ा था। इसे देखते हुए इस साल स्वास्थ्य सुविधाओं की संख्या बढ़ाई जा रही है। राज्य के सभी धाम और मंदिर काफी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हैं। तभी ऑक्सीजन की कमी और दुर्गम भौगोलिक हालात का मुकाबला करने के लिए शारीरिक क्षमता मजबूत होना जरूरी है। यात्रा से पहले ही उच्च जोखिम वाले तीर्थयात्रियों की पहचान करके उन्हें मेडिकल सहायता देना आसान होगा। इस साल केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में दो नए अस्पताल खोले जा रहे हैं। केदारनाथ में 17 और बद्रीनाथ में 45 बेड के अस्पताल में यात्रियों को तत्काल चिकित्सकीय सुविधा देने के लिए 25 विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात रहेंगे।
डीजी स्वास्थ्य डॉ सुनीता टम्टा ने शनिवार को इस बात पर आदेश जारी किए हैं। इनमें 19 फिजिशिएन, 29 हड्डी रोग और पांच श्वास रोग विषेशज्ञ शामिल होगें। चारधाम ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक को कोई भी प्रकार का अवकाश नहीं दिया जाएगा। व केदारनाथ में 17 और बद्रीनाथ में 45 बेड के अस्पताल में यात्रियों को तत्काल चिकित्सकीय सुविधा देने के लिए 25 विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात रहेंगे।