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उत्तराखंड में होने वाली विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा इस साल 30 अप्रैल से शुरू होने जा रही है। अक्षय तृतीया के अवसर पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे, जबकि चार मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि 26 फरवरी को ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर से तय की जाएगी। हर साल लाखों श्रद्धालु इन धामों की यात्रा के लिए आते हैं, और कोरोना काल के बाद इन धामों में श्रद्धालुओं की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखने को मिली है।
चारधाम यात्रा के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) के कंट्रोल रूप में श्रद्धालु यात्रा से संबंधित जानकारी के लिए लगातार फोन कर रहे हैं। विभाग से अब तक यात्रा के पंजीकरण और संबंधित व्यवस्थाओं पर कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं की गई है, लेकिन श्रद्धालु यात्रा के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए लगातार संपर्क कर रहे हैं। कंट्रोल रूप में प्रभारी प्रदीप चौहान के अनुसार, इस समय रोजाना करीब 10 से 15 फोन कॉल यात्रा से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए आ रही हैं।
इस साल यात्रा में बढ़ती श्रद्धालु संख्या को देखते हुए सरकार और पर्यटन विभाग द्वारा खास तैयारियां की जा रही हैं। गढ़ी कैंट स्थित उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के कंट्रोल रूप में श्रद्धालुओं को यात्रा पंजीकरण, होटल बुकिंग और सार्वजनिक वाहनों की जानकारी दी जा रही है। इसके साथ ही, यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुरक्षा और सुविधाएं भी सुनिश्चित की जा रही हैं।
चारधाम यात्रा के संबंध में अब तक कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं की गई है, लेकिन सरकार की ओर से जल्द ही पंजीकरण प्रक्रिया और यात्रा की व्यवस्थाओं के बारे में दिशा-निर्देश जारी किए जाने की संभावना है।