उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बीते चार दिनों से स्पीड ब्रेकर चर्चा का विषय बना हुए है। चार दिन पहले अचानक रात में बनाए गए खतरनाक स्पीड ब्रेकर के कारण घंटाघर पर कई सड़क दुर्घटनाएं हुई। जिसके बाद प्रशासन ने कल यानी 12 दिसंबर को ही स्पीड ब्रेकर को वाइट पेंट से मार्किंग की थी, लेकिन अब अचानक से जिला प्रशासन ने घंटाकर के बंप स्पीड ब्रेकर को तुड़वाकर उसे सही करवाया। उसकी ऊंचाई भी कम कराई गई।
दरअसल, बीते महीने 11 नवंबर को देहरादून के ओएनजीसी चौक पर तेज रफ्तार इनोवा हादसे का शिकार हुई थी। इस हादसे में 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। वहीं सातवां व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसका अभी भी हॉस्पिटल में उपचार चल रहा है।
जांच में सामने आया था कि हादसे का कारण तेज रफ्तार था। हादसे के वक्त इनोवा की स्पीट करीब 150 किमी प्रतिघंटा थी। इस घटना के बाद पुलिस-प्रशासन ने वाहनों की स्पीड पर लगाम लगाने के लिए कुछ कदम उठाए। इस क्रम में शहर में कई जगहों पर बीते दिनों स्पीड ब्रेकर बनाए गए। लेकिन घंटाघर पर बना बंप स्पीड ब्रेकर हादसों का कारण बन गया। इस स्पीड ब्रेकर के कारण 15 मिनट में सात हादसे हुए।
स्पीड ब्रेकर के कारण हुए हादसों के वीडियो भी सामने आए, जिसके बाद संबंधित विभागों के काम पर सवाल भी खड़े हुए हैं। वहीं सचिव ने भी संबंधित विभाग के अधिकारियों से इस पर जवाब मांगा था। वहीं अब जिला प्रशासन ने रातोंरात फिर से इन स्पीड ब्रेकरों को तुड़वा दिया है। इस मामले में जिलाधिकारी सविन बंसल का बयान आया है। उन्होंने बताया कि घंटाघर पर स्मार्ट सिटी ने स्पीड ब्रेकर बनाए थे, लेकिन ये स्पीड ब्रेकर मानक के तहत नहीं थे। इसलिए रात को स्पीड ब्रेकर के ऊंचाई को कम किया गया है।