उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत पीपीपी मोड पर संचालित रामदत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय, रामनगर समेत 9 अस्पतालों का अनुबंध समाप्त कर वापस लेने का निर्णय लिया गया है। इसके क्रम में टिहरी गढ़वाल जिले में संचालित जिला चिकित्सालय, बौराड़ी सहित दो अन्य चिकित्सा इकाइयों बिल्केश्वर और देवप्रयाग को हाल ही में वापस ले लिया गया है।
इसके साथ ही जिला चिकित्सालय, पौड़ी और संयुक्त चिकित्सालय पाबौं, घंडियाल के साथ ही रामदत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय रामनगर, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भिकियासैंण और बीरोंखाल को भी पीपीपी मोड से हटाकर सरकार अपने नियंत्रण में लेने जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। मंत्री ने कहा कि पीपीपी मोड में संचालित अस्पतालों को लेकर स्थानीय जनता की ओर से लगातार शिकायतें की जा रही थीं। इसके चलते सरकार ने पीपीपी मोड में संचालित सभी चिकित्सा इकाइयों को वापस लेकर खुद से संचालित करने का निर्णय लिया है, ताकि स्थानीय लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।
पीपीपी मोड में संचालित सभी चिकित्सालयों को वापस लेने से पहले परियोजना के तहत उपलब्ध सभी चिकित्सकीय उपकरणों और ढांचागत व्यवस्था को परखते हुये ट्रांसफर की कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत परियोजना के दौरान उपलब्ध सभी उपकरण और अन्य आवश्यक सामग्री चिकित्सा इकाई के पास ही रखी जायेगी। इसकी सूची तैयार करने के लिए मंत्री ने संबंधित जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों और प्रभारी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं। ऐसे में ट्रांसफर की कार्रवाई पूरी होने के बाद ही सरकार ने इन चिकित्सा इकाइयों को दिसंबर महीने तक अपने नियंत्रण में लेकर चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती करने का निर्णय लिया है।