देहरादून के करनदीप सिंह राणा के लापता होने की गुत्थी 19 दिन बाद भी सुलझ नहीं सकी है। सिंगापुर से चीन जा रहे मर्चेंट नेवी के जहाज से करनदीप के अचानक लापता होने के बाद से परिवार की चिंता और बढ़ती जा रही है। आंखों में आंसू और उम्मीद लिए परिजन लगातार डीजी शिपिंग और कंपनी के अधिकारियों के संपर्क में हैं, लेकिन अभी तक किसी ने कोई ठोस जानकारी नहीं दी है।
जानकारी के अनुसार, 20 सितंबर को ईराक से चीन की ओर जा रहे जहाज से दून निवासी सीनियर डेक कैडेट करनदीप सिंह राणा अचानक लापता हो गए थे। जहाज के चीन पहुंचने पर जांच शुरू की गई, जिसमें कंपनी ने परिवार के दो सदस्यों को शामिल करने की बात कही थी। इसी सिलसिले में परिवार ने जल्दबाजी में पासपोर्ट बनवाकर वीजा के लिए भेजा, ताकि वे जांच प्रक्रिया में खुद शामिल हो सकें।
हालांकि, अब तक कंपनी की ओर से कोई औपचारिक जवाब नहीं आया है। परिवार का कहना है कि वे हर दिन नई उम्मीद में अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन कोई ठोस जानकारी या रिपोर्ट साझा नहीं की जा रही।
करनदीप की बहन सिमरन राणा ने बताया कि “चीन में चल रही जांच के दूसरे दिन चार लोगों के बयान दर्ज किए गए, लेकिन हमें यह तक नहीं बताया गया कि जांच में क्या सामने आया या किस दिशा में काम हो रहा है।” परिवार का मानना है कि कंपनी पारदर्शिता नहीं दिखा रही और जांच में कई सवाल अनुत्तरित हैं।
परिवार अब वीजा प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार कर रहा है ताकि वे खुद मौके पर जाकर सच्चाई जान सकें। करनदीप के पिता ने कहा कि “जब तक हमें बेटे का कोई सुराग नहीं मिलता, हम चैन से नहीं बैठेंगे।” दूसरी ओर, डीजी शिपिंग और भारतीय दूतावास भी इस प्रकरण की निगरानी कर रहे हैं। परिवार ने केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय से भी हस्तक्षेप की अपील की है ताकि जांच निष्पक्ष और तेजी से पूरी हो सके।
